गंगापार, अक्टूबर 7 -- मांडा, संवाददाता। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के मांडा क्षेत्र में तीन पीएचसी बनाए गए हैं, लेकिन तीनों पीएचसी इन दिनों डाक्टरविहीन हैं, जिससे लोगों को मजबूरन झोलाछाप डॉक्टरों की शरण लेनी पड़ रही है। 24 वर्ग किमी में फैले जनपद के दक्षिणी पहाड़ी भूभाग में स्थित मांडा क्षेत्र को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने विगत बीस साल पहले तीन पीएचसी की स्थापना करोड़ों के लागत से कराई थी। तीनों पीएचसी मांडा सीएचसी से औसत बीस किमी दूरी पर हैं। महेवाकला, केड़वर और दोहथा में खोले गए तीनों पीएचसी डाक्टर विहीन चल रहे हैं। महेवाकला में फार्मासिस्ट और एलटी नियुक्त हैं, लेकिन डाक्टर ने होने से इनकी नियुक्ति का आमजन को कोई लाभ नहीं है। दोहथा और केड़वर पीएचसी केवल चपरासी के भरोसे है। करोड़ों के लागत से नि...