पीलीभीत, सितम्बर 22 -- श्री रामलीला महोत्सव संचालन समिति की देखरेख में श्री रामवनगमन लीला, राम केवट संवाद (घन्नई तालाब पर) एवं चित्रकूट विश्राम स्थल की लीला का मंचन किया गया। परमठ मंदिर पर श्री राम वनगमन लीला का सजीव मनमोहक मंचन किया गया। श्री राम विवाह के पश्चात आज महाराज दशरथ से आज्ञा लेकर भरत शत्रुघ्न ननिहाल को प्रस्थान करते हैं। तत्पश्चात महाराज दशरथ कुलगुरु वशिष्ठ से बोले हे गुरु श्रेष्ठ मैं राज काज से थक चुका हूं आपकी आज्ञा हो तो मैं चाहता हूं कि राम का राज्याभिषेक कर दिया जाए और मैं अधिकारों से मुक्त हो जाऊं। कुलगुरू बोले ये अत्यंत शुभ विचार हैं राम सभी के प्रिय हैं। अयोध्या नगरी में यह शुभ समाचार तेजी से फैल गया। सभी लोग प्रसन्न हो उठे। रानी कैकेयी की दासी मंथरा ने जब यह सुना तो उसने कैकेयी को कुटिल नीति से समझाते हुए कहा महाराज, ...