भदोही, फरवरी 18 -- भदोही, संवाददाता। इन दिनों जिले में मांगलिक कार्यक्रमों की धूम मची हुई है। जहां पर प्रतिदिन बड़ी तादात में भोजन बर्बाद होता है। कवि कर्मराज किसलय ने कहा कि अथक परिश्रम के बाद भी देश में बहुतों को दो वक्त का भोजन नसीब नहीं हो रहा है। निजी कंपनियों में 10 से 12 घंटा ड्यूटी बजाने के बाद मजदूरों को मात्र तीन चार से पांच सौ रुपया मिल रहा है। इतने कम पैसों में बच्चों के लिए भरपेट भोजन व बेहतर शिक्षा व्यवस्था मुहैया कराना मजदूरों के लिए काफी कष्टकारी साबित हो रहा है। नंगें पांव फटे-पुराने कपड़ों में लिपटे गरीब बच्चों की दुर्दशा देख हर किसी का कलेजा कांप उठता है। लेकिन विडंबना ही है कि इस तरफ किसी सक्षम अधिकारी व राजनेता की नजर नहीं पड़ती। वहीं, दूसरी तरफ संपन्न परिवारों में आयोजित होने वाले वैवाहिक कार्यक्रमों व होटलों-ढाबों में ...