गिरडीह, मई 13 -- बेंगाबाद, प्रतिनिधि। औषधीय जल कूप के नाम से विख्यात महेशमुंडा रेलवे स्टेशन परिसर का कुआं अब पुरानी यादें बन कर रह गई है। वर्षों पहले इस कूप से जल बिहार, बंगाल तक ले जाया जाता था। इस कुआं से पानी लेनेवालों का तांता लगा रहता था। पानी के लिए दूर दराज से लोग यहां पहुंचते थे। विशेषकर पश्चिम बंगाल के बंगाली परिवार इस कुआं के पानी को औषधि के रूप में सेवन करता था। कुआं से पानी लेनेवालों की भारी भीड़ लगी रहती थी। रेल सेवा के माध्यम से पश्चिम बंगाल के कई शहरों में इस कूप के जल को भेजा जाता था और इस पानी की बड़ी डिमांड थी लेकिन नये जेनरेशन ने धीरे धीरे इस कुआं को लोग भूल गए। जिससे कुआं पर सन्नाटा पसरा रहता है परंतु स्थानीय स्तर पर आज भी इस औषधीय गुणों से भरे जल कूप को लोग नहीं भूले हैं। जानकारों का कहना है कि पूर्व में कोलकाता, आसनस...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.