बस्ती, जुलाई 4 -- बस्ती, हिन्दुस्तान टीम। 1857 की क्रांति में बस्ती जनपद के महुआ डाबर गांव की वीरता को इतिहास ने भुला दिया। यहां पर तीन जुलाई 1857 को अंग्रेजों ने इस समृद्ध गांव को तीन ओर से घेरकर आग लगा दिया था। यहां पर पांच हजार निर्दोष ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया गया था। यह केवल नरसंहार नहीं था, बल्कि इतिहास को मिटाने की साजिश भी थी। इसी की याद में स्थानीय लोगों ने तीन जुलाई को श्रद्धांजलि अपिर्त की।

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