संभल, जून 7 -- कभी ऐतिहासिक महिष्मती नदी के नाम से विख्यात और आज भैंस नदी के नाम से जानी जाने वाली यह जीवनदायिनी धारा अब फिर से अपने प्राकृतिक और सांस्कृतिक गौरव को पाने की राह पर है। शनिवार को संभल प्रशासन व नमामि गंगे मिशन के विशेषज्ञों की टीम ने इस नदी के उद्गम से संगम तक संयुक्त सर्वेक्षण कर इसकी स्थिति का जायजा लिया। सर्वे टीम में नदी विशेषज्ञ डॉ. वेंकटेश दत्त, लेखपाल, कानूनगो, व नगर पालिका परिषद ईओ डा. मणिभूषण तिवारी सहित कई जिम्मेदार अधिकारी शामिल रहे। उन्होंने नदी के अपस्ट्रीम से डाउनस्ट्रीम तक गांव-गांव जाकर स्थलीय निरीक्षण व भूमि पैमाइश की। संभल प्रशासन का यह प्रयास नदी, पर्यावरण और संस्कृति के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यदि योजनानुसार कार्य संपन्न हुआ, तो भैंस नदी एक बार फिर महिष्मती की भांति गरिमा प्राप्त कर सके...