रामपुर, अक्टूबर 28 -- आर्य समाज के तत्वाधान में आर्य समाज के 150वें स्थापना वर्ष के उपलक्ष्य में 21 कुंडीय वैदिक महायज्ञ के दूसरे दिवस गुरुकुल पूठ गढ़मुक्तेश्वर से पधारे स्वामी अखिलानंद जी सरस्वती ने वैदिक विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के द्वारा यज्ञ संपन्न कराया गया। यज्ञ समापन होने के उपरांत मेरठ से पधारे अनिल दत्त नादान ने अपने भजनों के माध्यम से बताया कि वेद ज्ञान परमपिता परमात्मा द्वारा प्रदत्त ज्ञान है जो कि मानव सृष्टि की रचना काल के समय आदि पुरुषों-अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा ऋषियों को प्रदान किया गया। इन ऋषियों द्वारा लंबे काल तक प्रसारित किया जाता रहा तथा लंबे काल तक श्रुति के रूप में रहेतथा वेदों के ज्ञान को मानव जाति का संविधान बताया गया। दूसरी बेला में खतौली मुजफ्फरनगर से पधारी बहिन सुकीर्ति आर्या ने बताया गया कि महिला बच्...