नई दिल्ली, मई 25 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। तीस हजारी अदालत ने एक व्यक्ति को महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए आईपीसी की धारा 509 के तहत दोषी करार दिया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास करणबीर सिंह की अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हराम शब्द का अर्थ कुछ ऐसा प्रतीत होता है जो कि गलत तरीके से कमाया गया हो। ऐसा कहना किसी भी मेहनतकश महिला की शिष्टता का अपमान करने के समान है। बता दें कि व्यक्ति पर हराम का माल लेकर आ गई है और अन्य अपमानजनक शब्दों से महिला की शिष्टता करने का आरोप लगाया गया था। इस पर आरोपी के वकील ने अदालत से कहा कि मामले में किसी गवाह से पूछताछ नहीं की गई। केवल शिकायतकर्ता महिला के बयान में यह बात कही गई है। अदालत ने वकील के तर्क को खारिज करते हुए कहा कि इसमें कोई दम नहीं है। महिला की गवाही स्पष्ट रूप से ठोस और भर...