गया, मार्च 7 -- आमस की बड़की चिलमी पंचायत के सिमरी गांव की रूमाना परवीन अपने प्रयास से गांव-टोले की निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने में जुटी हैं। महिलाओं के साथ गरीब-गुरबों की बेटियों को भी साक्षर बनाने के साथ शिक्षा के प्रति जागरूक करने का सामाजिक काम कर रही हैं, जिसकी खूब प्रशंसा हो रही है। गांव-देहात की हर अनपढ़ महिलाओं को साक्षर बनाने का उसका सपना है। रूमाना कहती है कि महिला सशक्तिकरण की बात तो जरूर होती हैं, लेकिन इस दौर में भी किसी महिला को अंगूठा लगाते देख पीड़ा होती है। इस अभियान की शुरूआत उसने अपने घर से ही की है। अपनी अंगूठा छाप मां को पढ़ा-लिखाकर साक्षर बना दिया है। अब उसकी मां सरकारी लाभ लेने व किसी दफ्तर में बेझिझक साइन करती है। रूमाना कहती है कि पढ़े-लिखे लोग ही अपने अधिकारों को सही से समझ सकते हैं। वह बताती है कि इस काम में पास-...