नई दिल्ली, जून 2 -- दिल्ली की एक अदालत ने तलाक का तथ्य छिपाने पर एक महिला के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की है। कोर्ट ने पाया कि उसे तलाक के समझौते के दौरान 10 लाख रुपए मिले थे, जिसे उसने कोर्ट से छिपा लिया। कोर्ट ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए बने कानून के किसी भी दुरुपयोग को शुरू में ही रोका जाना चाहिए। न्यायिक मजिस्ट्रेट अनम रईस खान महिला द्वारा दायर आपराधिक शिकायत मामले की सुनवाई कर रही थीं। हाल ही में उपलब्ध कराए गए 25 अप्रैल के आदेश में अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता ने स्वीकार किया है कि पक्षों के बीच सभी विवाद पहले ही दक्षिण-पूर्व जिले की फैमिली कोर्ट के समक्ष सुलझा लिए गए थे। आपसी सहमति से तलाक का पहला प्रस्ताव 22 नवंबर 2022 को पारित किया गया था। इसके अनुसार, शिकायतकर्ता को 19 लाख रुपए की कुल समझौता राशि में से 10 लाख रुपए की ...