नई दिल्ली, अक्टूबर 17 -- सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि शादी जैसी व्यवस्था का इस्तेमाल पुरातन समय से केवल महिलाओं को गुलाम बनाने के लिए किया जाता रहा है। उन्होंने कहा, इतिहास से पता चलता है कि दुनियाभर में, हर युग में और हर संस्कृति में शादी को महिलाओं को अपने अधीन करने का हथियार बनाया गया। उन्होंने कहा कि कानूनी और सामाजिक सुधार के जरिए आज शादी की व्यवस्था में बराबरी की भावना विकसित हो रही है। आपसी सम्मान और संवैधानिक मूल्यों के अनुसार समानता का भाव आना शुरू हो गया है। जस्टिस सूर्यकांत दिल्ली पैमिल लॉयर्स असोसिएशन द्वारा आयोजित सेमिनार में संबोधित कर रहे थे। दिल्ली हाई कोर्ट की महिला वकीलों के सहयोग से आयोजित किए गए कार्यक्रम का विषय था. 'अंतर-सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य: इंग्लैंड और भारत में पारिवारिक क...