गया, नवम्बर 4 -- बोधगया विधानसभा में महिला नेतृत्व की भूमिका आज भी सवालों के घेरे में है। वर्ष 1972 से लेकर अब तक हुए सभी विधानसभा चुनावों में किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल ने महिला उम्मीदवार पर भरोसा नहीं जताया है। हैरानी की बात यह है कि बोधगया विधानसभा रिजर्व सीट है। इसके बावजूद दलों ने कभी महिला प्रत्याशी उतारने की जरूरत नहीं समझी। यह स्थिति स्थानीय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी और सशक्तिकरण के दावे पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगाती है। हालांकि इस क्षेत्र की जनता ने वर्ष 1995 के विधानसभा चुनाव में परिवर्तन का परिचय देते हुए निर्दलीय उम्मीदवार मालती देवी को भारी मतों से जिताया था। मालती देवी ने उस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राम उदय प्रसाद को 11 हजार 139 वोटों के अंतर से पराजित कर इतिहास रचा थी। उनकी जीत ने यह साबित किया था कि बोधगया की जनता यो...
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