हरिद्वार, फरवरी 27 -- उछाली आश्रम में आयोजित सरस कवि गोष्ठी में कवियों ने अपनी रचनाएं पेश कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि दीन दयाल दीक्षित की रचना मैं चला दो कदम जिंदगी की डगर, जिंदगी को मुझी से खता हो गयी और डॉ. अशोक गिरी की रचना अपनों से प्यार करने वालो, गैरों से मिलकर देखो तो को काफी सराहना मिली। इससे पहले गोष्ठी का शुभारंभ शारदा के चित्र के समक्ष दीप जलाकर किया गया। युवा कवयित्री अपराजिता ने उन्मुक्त की सरस्वती वंदना पेश की। कवयित्री मीरा भारद्वाज ने कहा कि भोला कर मन मेरा नैनन जल चढ़ाऊं, अभिषेक करूं तेरा। कवि विजेंद्र हर्ष ने कहा कि मन भावों के अर्घ्य चढ़ाकर, श्रद्धा के तर्पण देकर, मैंने मुस्कानों की कुछ कलियां पथ में बिखराई हैं। डॉ. सुशील त्यागी अमित ने सफलता की कुंजी प्रभु मम तुम्हीं हो और कवियित्री कंचन प्रभा गौतम ने नैनों ...