फुरसतगंज (रायबरेली) संदीप सिंह, फरवरी 13 -- शबरी ने जिन बेरों से भगवान श्री राम को अपना बनाया था। वहीं गुरुगोरखनाथ की जन्म स्थली की बेर कई प्रदेशों के लोगों का मुंह मीठा करा रही है। आजकल बेरों की तुड़ाई चल रही है। देवों के देव महादेव को बेर के फल बेहद पसंद हैं। महाशिवरात्रि पर शिव को बेल पत्र, भांग, धूतरा के साथ बेर अर्पित किए जाते हैं। कारोबारियों ने बताया कि इसीलिए कई राज्यों के अलावा पड़ोसी देश नेपाल में भी जायस के बेर की मांग है। इसी माह 26 तारीख को महाशिवरात्रि है। अपने खास स्वाद के चलते यह फल तमाम सीमाओं को तोड़कर कई राज्यों में लोगों की पंसद बन गए है। अक्तूबर से ही बदन, अरस और प्यौंदी बेर की प्रजातियां की देखभाल शुरू हो जाती है। इस समय तो सभी प्रजातियों की बेर तोड़ कर अन्य राज्यों में भेजी जा रही है। जायसी बेर अपने खास जायके के बदौलत...