उरई, जून 11 -- रामपुरा (उरई)। पचनद पर नौ दिवसीय शतचंडी यज्ञ में छठवें दिन श्रीमद् भागवत कथा में व्यास शशिभूषण दास ने श्री कृष्ण रासलीला महात्म्य व पंचनद महात्म्य पर व्याख्या की तथा गोहत्या के विरोध में सख्त कानून लाए जाने की मांग की। श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ में कथा व्यास शशिभूषण दास (कामतानाथ मंदिर चित्रकूट) ने कन्हैया जी की रासलीला का अद्भुत व बहुत सुंदर वर्णन किया। उन्होंने रासलीला को जीव और ईश्वर का विशुद्ध मिलन बताया। उनके अनुसार, भगवान कृष्ण ने यमुना तट पर योग माया से असंख्य गोपियों के साथ महारास किया। ये गोपियां साधन सिद्धा, योग सिद्धा और वरदान सिद्धा थीं। कुछ नृचा रूपा और कुछ ऋषि रूपा थीं। महारास लीला का श्रवण करने से हृदय से काम वासना नष्ट होती है एवं जीवन में अनचाहे पापों का शमन होता है। कथावाचक ने श्री कृष्ण-रुक्मिणी विवाह प्रस...