बांका, मई 4 -- बांका। एकसंवाददाता सूर्य उपासना का महापर्व डोरा हिंदू कैलेंडर के अगहन मास के के शुक्ल पक्ष से प्रारंभ होकर वैशाख माह के शुक्ल पक्ष तक पूरे छह महीने प्रत्येक रविवार बड़े नियम निष्ठा के साथ मनाया जाता है।इस पर्व में व्रती महिलाएं निराधार रहकर भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पण करती है,उसके बाद ही प्रसाद ग्रहण करती है।तीन दिवसीय डोरा पर्व के अनुष्ठान में दूसरे दिन शनिवार को अर्गासन देकर व्रती महिलाओं द्वारा भुखे पेट सूर्यदेव को अरग अर्पण किया जाता है।इसके साथ ही प्रसाद के रूप में झिलिया,पुड़ी,गुडंबा, कसारा,पान,सुपाड़ी और कच्चे दूध का नैवेद्य भी लगाया जाता है। पर्व का निस्तार आज रविवार को व्रतियों द्वारा डोरा भगवान को पहन कर भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होगा। पूजन अनुष्ठान समाप्त होने के बाद व्रती महिलाओं द्वारा गरीब ब्र...