लातेहार, सितम्बर 30 -- बेतला, प्रतिनिधि । नवरात्र के आठवें दिन मंगलवार को महा दुर्गाष्टमी पर भक्तों ने मां दुर्गा के आठवें रूप महागौरी की विधि- विधान से पूजा-अर्चना की। मौके पर पुजारियों ने श्रद्धालुओं को मां दुर्गा के महागौरी रूप धारण करने की बहुत ही मार्मिक और रोचक कथा सुनाई। पुजारियों के अनुसार मां पार्वती (दुर्गा) ने भगवान शिव को पति के रूप पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। कई वर्षों तक अन्न-जल का परित्याग कर दिया था। इससे उनका शरीर धूल और मिट्टी से काला पड़ गया था। उनकी इस अदम्य भक्ति और कठिन तपस्या से प्रसन्न हो भगवान भोलेनाथ ने उन्हें गंगाजल से धोया था। उसके बाद उनका शरीर पुनः श्वेत और उज्वल हो गया। अपने इसी महान गौरव के कारण वो महागौरी कहलाईं। बाद में भक्तों ने अष्टमी और नवमी की संधि बेला में 1.45 बजे अपराह्न में महिषासुर का प्रतीक र...
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