प्रयागराज, फरवरी 8 -- महाकुम्भ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, सेवा और समर्पण का महायज्ञ है। यह वास्तव में दो प्रकार के लोगों का होता है, वे जो श्रद्धा के साथ आते हैं, और वे जो सेवा में समर्पित होते हैं। यह कहना है कि ऑथर व स्पीकर शेफाली वैद्य का। शेफाली ने एक्स पर महाकुम्भ को लेकर अपना अनुभव साझा किया है। वह कहती हैं, महाकुम्भ उन श्रद्धालुओं का होता है, जो केवल विश्वास के साथ आते हैं। वे जो संगम में पवित्र स्नान के लिए घंटों प्रतीक्षा करते हैं, जो गंगाजल को संजोकर घर ले जाते हैं, जो शिकायत नहीं करते, सिर्फ आस्था रखते हैं। जब वे संगम में डुबकी लगाते हैं, तो मानो वे समय की सीमाओं को लांघ जाते हैं, यह विश्वास रखते हुए कि गंगा की गोद में समर्पण से उनके जन्म-जन्मांतर के पाप धुल जाएंगे। उनका कहना है कि महाकुम्भ उन सेवकों का भी हो...
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