प्रयागराज, फरवरी 12 -- महाकुम्भ नगर, संवाददाता। माघी पूर्णिमा स्नान पर गोदान का स्वरूप बदला हुआ नजर आया। स्नान पर्वों पर अत्यधिक उमड़ती भीड़ की वजह से संगम नोज सहित अन्य घाटों पर गाय और बछिया ले जाने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी तो पुरोहितों ने श्रद्धालुओं को चांदी की गाय और बछिया के जरिए गोदान का संकल्प कराया। दूरदराज के क्षेत्रों से पहुंचे जनसमूह ने भी कुल देवी-देवता व पूर्वजों के निमित्त श्रद्धाभाव के साथ गोदान करते दिखे। संगम नोज, दशाश्वमेध घाट व रामघाट सहित मेला क्षेत्र के अन्य घाटों और कल्पवासियों के शिविरों में पुरोहितों ने यजमानों के लिए चांदी की गाय-बछिया रखी थी। इसके लिए किसी पुरोहित ने आठ सौ तो किसी ने एक हजार रुपये खर्च कर दस फरवरी को ही चांदी की गाय बनवा ली थी। पिछले दस वर्षों से संगम पर तख्ता लगाने वाले जौनपुर के चंद्र प्रका...