प्रयागराज, मई 8 -- प्रयागराज। जैसे-जैसे उत्तर भारत में तापमान बढ़ रहा है, बाजार में तरबूज और खरबूजे की मांग बढ़ गईं है। प्रयागराज में गंगा और यमुना के किनारे लगभग 1500 बीघा जमीन पर इस वक्त तरबूज की पैदावार हो रही है। महाकुम्भ के दौरान घाट बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम के कारण रेतीले कछार मिले और इसका फायदा किसानों को मिल रहा है। किनारे की रेतीली जमीन पर लगभग 15 फीसदी तक तरबूज की पैदावार बढ़ी है। जिला उद्यान अधिकारी का कहना है कि इस बार सिल्वर मल्चिंग का इस्तेमाल किया गया है। इस विधि में तरबूज के छोटे पौधे निकलने के साथ ही उनके चारों तरफ धान का पुआल बिछा देते हैं। इससे तरबूज के पौधे के आसपास अधिक नमी रहती है और उस पर कीट पतंगों का भी असर नहीं होता। नतीजतन फल बड़े और चमकीले होते हैं। इस बार महाकुम्भ के कारण रेतीली जमीन मिली। इसके साथ ही पुआल भी...