प्रयागराज, मार्च 17 -- इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास, संस्कृति व पुरातत्व विभाग और इलाहाबाद संग्रहालय की ओर से सोमवार को संग्रहालय के सभागार में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। संगोष्ठी में भारत की सांस्कृतिक विरासत में कला, धर्म व अभिज्ञान का समन्वय (महाकुम्भ 2025 के विशेष संदर्भ में) विषय पर वक्तव्य डॉ. एचएस गौर विश्वविद्यालय, सागर के दर्शनशास्त्र विभाग के प्रो. एडी शर्मा ने दिया। उन्होंने तीर्थराज प्रयाग के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि महाकुम्भ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति के विभिन्न आयामों के समन्वय का प्रतीक है। जहां कला, धर्म व समाज एक साझा मंच पर अभिव्यक्त होते हैं। डॉ. हरेश प्रताप सिंह ने कहा कि भारतीय कला सौंदर्यशास्त्र तक सीमित नहीं है। यह आध्यात्मिक च...