मुख्य संवाददाता, जनवरी 30 -- मौनी अमावस्या की रात संगम नोज पर अमृत स्नान की आपाधापी में मची भगदड़ के बाद अखाड़ों ने आम श्रद्धालुओं के लिए सुबह पांच बजे से तीन बजे तक संगम खाली छोड़ दिया। मंगलवार की आधी रात 1:40 से दो बजे के बीच हादसा हो गया। हादसे और संगम नोज पर श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ की सूचना मिलने की खबर जब तक अखाड़ों को मिलती उससे पहले ही पहला जत्था छावनी से निकल चुका था। अखाड़ों के स्नान क्रम में सबसे पहले महानिर्वाणी और अटल अखाड़े का नंबर था लिहाजा इन दोनों अखाड़ों के संत-महंत पूरे गाजे-बाजे के साथ सेक्टर 20 स्थित छावनी से निकलकर पीपा पुल पार करते हुए रामघाट तक पहुंच चुके थे। नागा संन्यासियों के हुजूम के साथ संगम की ओर बढ़ रहे दोनों अखाड़ों के संतों-महंतों को जैसे ही सूचना मिली उन्होंने तत्काल जुलूस को वापस छावनी की ओर मोड़ दिया...