विकासनगर, अप्रैल 4 -- चैत्र नवरात्रि की सप्तमी पर घरों और मंदिरों में आदिशक्ति मां जगदंबा के सप्तम स्वरूप महाकालरात्रि का विधिविधान से पूजन किया गया। घरों में स्थापित कलश पर गुड़हल का पुष्प अर्पित कर अक्षत, रोली, हल्दी, मौली सहित सौंदर्य प्रसाधान के सामान अर्पित किए गए। माता के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ दिखी। रामसावाला में पंडित एवं शिक्षक राम नारायण रतूड़ी ने बताया कि माता कालरात्रि को ही महायोगीश्वरी, महायोगिनी और शुभंकरी कहा गया है। मां कालरात्रि की विधिवत पूजा अर्चना करने से माता अपने भक्तों को काल से बचाती है। माता कालरात्रि से ही सभी सिद्धियां प्राप्त होती हैं। लिहाजा तंत्र मंत्र के साधक मां कालरात्रि के विशेष रूप से पूजा अर्चना करते हैं। इसे महानिशा पूजन भी किया जाता है। योगी और साधक महानिशा पूजा करके सिद्धियां प्र...