लोहरदगा, अक्टूबर 7 -- लोहरदगा, संवाददाता। लोहरदगा भंडरा प्रखण्ड के अम्बेरा गांव में शरद पूर्णिमा के अवसर पर सत्यनारायण पूजा सह रामायण के रचयिता आदि कवि महर्षि वाल्मीकि जयंती मनाई गयी। इस दौरान शरद पूर्णिमा की महिमा और महर्षि वाल्मीकि की ऐतिहासिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए विश्व हिन्दू परिषद् मार्ग दर्शक मंडल संयोजक सह अखिल संत समिति प्रांत अध्यक्ष स्वामी कृष्ण चैतन्य ब्रह्मचारी ने कहा कि आदि कवि महर्षि वाल्मीकि प्रजापति प्रचेता के दसवें पुत्र थे। वह मात्र एक कवि नहीं अपितु दिव्य अस्त्रों के ज्ञाता भी थे। उन्होंने अपने आश्रम में लव-कुश को कुशल योद्धा के साथ साथ वेद, वेदांग और गान विद्या का विशारद भी बनाया। आदि रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि के कारण ही भगवान श्री राम के उदात्त और चरित्र की जानकारी आज हम सभी लोगों को मिल पायी। आज समूचे विश्व...