आगरा, जनवरी 20 -- सहावर-गंजडुंडवारा के बीच स्थित रामछितौनी आश्रम अस्था का बड़ा केंद्र रहा है। महार्षि वाल्मीकि इस आश्रम में तपस्या करते थे। इस टीले पर बने आश्रम के सामने एक झील है। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम के पुत्र लव व कुश का जन्म यहीं हुआ। मां सीता के साथ दोनों इसी आश्रम में खेले व बड़े हुए। पौराणिक महत्व के रामछितौनी आश्रम महर्षि वाल्मीकि की तपस्या करते हुए एक प्रतिमा लगी है। चैत्र मास में हर वर्ष इस आश्रम पर भव्य मेला का आयोजन होता है। जिसमें हजारों की संख्या में लोग भागीदारी करते हैं। मां सीता जी का स्नान कुंड भी आश्रम में है। टीले के नीचे एक गुफा भी है। यह गुफा कंपिल तक जाती है। इस आश्रम को लोग त्रेत्रयुगीन बताते हैं। झील को वन विभाग के द्वारा संरक्षित किया गया है। इस झील को पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित करने की योजना बनाई गई ...