छपरा, अक्टूबर 14 -- छपरा, एक संवाददाता। देश में हर बार चुनाव के साथ खर्च का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। लोकसभा, विधानसभा का चुनाव हो या स्थानीय निकाय के चुनाव , उम्मीदवारों के लिए अब चुनाव लड़ना आम आदमी के बस की बात नहीं रही। प्रचार सामग्री, वाहनों का किराया, जनसंपर्क, सोशल मीडिया प्रचार सब कुछ महंगा हो गया है।राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार एक विधानसभा सीट पर अब औसतन कई करोड़ रुपये तक का खर्च हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब डिजिटल प्रचार, बैनर-पोस्टर, जनसभा आयोजन का खर्च तेजी से बढ़ा है। इससे ईमानदार और सीमित संसाधनों वाले लोगों के लिए राजनीति में प्रवेश कठिन हो गया है।चुनाव आयोग के निर्देशों के बावजूद कई जगह खर्च सीमा पार होती दिखती है। ऐसे में आम मतदाता को लगता है कि चुनाव अब जनप्रतिनिधि चुनने की प्रक्रिया कम और पूंजी का खेल अध...