चतरा, जून 29 -- मयूरहंड प्रतिनिधि किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने पर हमेशा राजनीति होती आ रही है। बड़े बड़े वायदे किए जाते हैं। भारत एक कृषि प्रधान देश है। किसान हमारी अन्न दाता हैं और बहुत कुछ। वोट की राजनीति किसान से शुरू और खत्म होती है। लेकिन किसानों के पीड़ा अब तक किसी सरकारें नहीं देख पाई। आज के समय में किसानों के ऊपर धान खरीदारी में अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। सरकारी बीज का लाभ मयूरहंड के किसानों को नहीं मिल पा रहा है। बाजार में अधिक मूल्यों पर किसानों को बीज की खरीदारी करनी पड़ रही है। इस वर्ष धान की बीज का कीमत आसमान पर है। जिसके कारण कुछ किसान उन्नत किस्म का धान बीज का सिलेक्शन नहीं कर पा रहे है। पिछले वर्ष हाई ब्रीड किस्म के धान की कीमत 200 से 380 रुपए प्रति किलो थी। जबकि इस वर्ष 450 रुपए तक का बीज लेना पड़ रहा है। किसी किसी कंप...