दरभंगा, फरवरी 28 -- मिठास के कारोबारी हलवाई समाज के लोगों के जीवन में मंहगाई कड़वाहट बन गई है। दूध, चीनी, केसर जैसे कच्चे माल की कीमतों में उछाल से इनका मुनाफा सिमट गया है। इससे उत्पन्न आर्थिक दुश्वारियां कई समस्याओं का सबब बनी हैं। हलवाइयों की मानें तो खाजा, पेड़ा, जलेबी, गुलाब जामुन जैसी परंपरागत मिठाइयां बनाना घाटे का सौदा हो गया है। कच्चे माल की बढ़ी कीमतों से लागत दोगुनी हो जाती है, पर ग्राहक अधिक कीमत देने को तैयार नहीं होते हैं। गुणवत्ता घटाकर बेचने पर मिठाई के खरीदार बिदक जाते हैं। इस संकट से हलवाइयों के सामने पारिवारिक भरण-पोषण की मुश्किलें खड़ी हो चुकी हैं। हलवाई समुदाय के लोग परंपरागत व्यवसाय के इस संकट से दुखी हैं और कार्य छोड़ रहे हैं। हलवाइयों का कहना है कि मिठाई बनाकर बेचने में मुनाफा नहीं हो रहा है। परंपरागत मिठाई भी लोग सीजन य...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.