लखनऊ, अक्टूबर 3 -- मस्जिद में नमाजियों की भीड़ के कारण जगह कम पड़ रही हो तो उसे तोड़कर बहुमंजिला बनाया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर किसी मंजिल को दीनी शिक्षा के लिए इस्तेमाल करना भी जायज है लेकिन मस्जिद की किसी मंजिल को स्थायी रूप से छात्रों के रहने की जगह बनाना या किराये पर देना सही नहीं है। यह मस्जिद के मूल उद्देश्य और पवित्रता के खिलाफ है। मस्जिद और कब्रिस्तान से जुड़े मुद्दों पर देशभर के उलमा और फतवा विशेषज्ञों ने ये प्रस्ताव पारित किए। बीती 27 और 28 सितम्बर को शरिया एकेडमी ऑफ रिसर्च नदवा की ओर से नदवा में सेमिनार हुआ था। इसमें तीन मुद्दों को सर्वसम्मति से पारित किया गया था। उन तीनों ही विषयों को अब नदवा की ओर से विस्तार से जारी किया गया है। शरिया एकेडमी ऑफ रिसर्च नदवा के सचिव मौलाना अतीन अहमद बस्तवी ने बताया कि पहला प्रस्ताव मस्जिदों औ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.