विकासनगर, सितम्बर 2 -- उत्तराखंड राज्य आंदोलन के मसूरी गोलीकांड की बरसी पर पछुवादून में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। आंदोलनकारियों ने कहा कि एक और दो सितंबर 1994 का दिन राज्य के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में अंकित रहेगा। इन दो दिनों में खटीमा व मसूरी में शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों को पुलिस की गोलियों का सामना करना पड़ा। यह घटना उस समय के सत्ताधारी दलों के दमनकारी रवैये का प्रतीक था, जिन्होंने एक शांतिपूर्ण आंदोलन को निर्दयता के साथ कुचलने का प्रयास किया। हरबर्टपुर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में राज्य आंदोलनकारी अतुल शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड का गठन पर्वतीय समाज के हितों की सुरक्षा और विकास के लिए किया गया था। लेकिन बीते 25 वर्षों में पहाड़ी क्षेत्रों से लगातार पलायन बढ़ा है। इसका कारण इन क्षेत्रों का विकास से अ...