पाकुड़, दिसम्बर 8 -- पाकुड़िया, एक संवाददाता। कौन कहता है कि आसमां में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों। इसी को चरितार्थ कर रहे पाकुड़िया पंचायत के पत्थरडांगा गांव निवासी युवा विश्वनाथ हांसदा जिन्होंने मशरूम की खेती कर आत्मनिर्भरता की मिशाल कायम करते हुए अपने घर और घराने को बखूबी संभाल रहे हैं। साथ ही अपने सपनों को आकार दे रहे हैं। रोजाना लगभग 13 घंटे लगातार कड़ी मेहनत करने वाले श्री हांसदा का मानना है कि वे मशरूम बेचकर दस से पंद्रह हजार रुपये की आय प्रति माह कर लेते हैं। फलस्वरूप उनका परिवार मंहगाई के इस दौर में भी खुशहाली में जीवनयापन कर रहा है। मशरूम की खेती के बावत उन्होंने बताया की छोटे स्तर से बृहत पैमाने तक इस गृह उद्योग को आगे ले जाना उनकी भविष्य की योजना है। विश्वनाथ हांसदा ने बताया कि वे कभी किसी सार्वजनिक स्थल ...
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