गंगापार, नवम्बर 2 -- श्रृंगी ऋषि की तपोस्थली गंगा तट पर बसे पावन श्रृंग्वेरपुर धाम में चल रहे राष्ट्रीय रामायण मेले में रविवार को श्रद्धा और भक्ति का अनोखा संगम देखने को मिला। जहां कभी भगवान श्रीराम ने निषादराज गुह की नाव में बैठकर गंगा पार की थी। वहीं उसी पावन भूमि पर श्रीराम की कथा और उनके आदर्शों की गूंज सुनाई दे रही है। श्रृंग्वेरपुर धाम में दूर-दूर से साधु-संत, कथा व्यास, कलाकार और भक्त एक साथ जुट रहे हैं। रामायण मेले में रविवार शाम जब कथा मंडप में जय श्रीराम का उद्घोष हुआ, तो पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता की झांकी, सुसज्जित मंच, भक्ति संगीत और नृत्य-नाट्य प्रदर्शन इस मेले की विशेष आकर्षण हैं। कथावाचक कौशलेंद्र द्विवेदी ने अयोध्या धाम, श्रृंग्वेरपुर धाम, तीर्थराज प्रयाग, श्रृंगी ऋषि और शांता मैया की तपोभू...