मुजफ्फर नगर, नवम्बर 28 -- संत प्रवर विजय कौशलजी महाराज ने कहा कि सीता जी ने मर्यादा की रेखा पार की तो घोर कष्ट उठाया। उन्होंने कहा कि श्रीराम ने त्रेतायुग में जो संस्कार और मर्यादा प्रस्तुत की उसका पालन आज भी सभी को करना चाहिए। सभी युवतियों का मर्यादा की रेखा में रहना उनका धर्म है। मुजफ्फरनगर की नई मंडी के रामलीला भवन में आयोजित श्रीराम कथा के छठे दिन संत प्रवर मानस मर्मज्ञ विजय कौशल जी महाराज ने कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए शूपर्णखा खर दूषण वध, सीता हरण, शबरी का उद्धार, राम सुग्रीव मित्रता, के प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन किया। कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए व्यास पीठ से संत विजय कौशल महाराज ने कहा कि सीताजी ने तीन भूल की, जिसका उन्हें और कष्ट मिला। उन्होंने स्वर्ण मृग को देखकर माया से मोहित होकर भगवान से उसे लाने के लिए कहा तो प्रभु ने भक्त की ...