संतकबीरनगर, सितम्बर 14 -- संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के मर्ज हुए 105 विद्यालयों को बाल वाटिका के रूप में विकसित कर दिया गया है। भवनों पर बाल वाटिका लिखवाकर जिम्मेदारों ने चुप्पी साध ली है। यहां पर शिक्षक रोज ड्यूटी करने पहुंच रहे हैं, लेकिन बच्चे हैं ही नहीं। कुछ विद्यालयों में कक्षा एक के बच्चे आ भी रहे हैं तो उन्हें एमडीएम भी नहीं मिल पा रहा है। शिक्षकों को लेकर स्पष्ट गाइड लाइन न आने के कारण हर कोई ऊहापोह की स्थिति में है। जनपद में 50 से कम छात्र संख्या वाले कुल 105 विद्यालयों को दूसरे विद्यालय से मर्ज कर दिया गया है। मर्ज होने के बाद बच्चे तो नए विद्यालय में चले गए, लेकिन शिक्षक आज भी पुराने विद्यालय पर ही ड्यूटी कर रहे हैं। विद्यालयों को बाल वाटिका का नाम दे दिया गया है, लेकिन वहां कोई सुविधा नहीं है। बच्चे भी नहीं ...