लखनऊ, नवम्बर 22 -- शहर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमराई हुई हैं। सिर्फ नाम की सीएचसी हैं। ज्यादातर सीएचसी में पुरुषों को इलाज नहीं मिलता है। सिर्फ गर्भवतियों, बच्चों को आधा अधूरा इलाज दिया जा रहा है। ओपीडी का समय सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक है। सीएचसी का हाल यह है कि न समय से डॉक्टर पहुंच रहे, न ही स्टाफ। मरीजों को बैठकर इलाज के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। कई सीएचसी पर मरीजों को अल्ट्रासाउंड और एक्सरे जैसी जरुरी जांच की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है। साथ ही कई जगह ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था भी ध्वस्त है। इसके अलावा भर्ती मरीजों के नाश्ते, भोजन की थाली से पोषण वाला आहार गायब है। हिन्दुस्तान की टीम शुक्रवार टूड़ियागंज सीएचसी पहुंची तो वहां का हाल बेहाल मिला। सीएचसी टूड़ियागंज में शुक्रवार सुबह स...