सीवान, सितम्बर 24 -- पचरुखी, एक संवाददाता। मुख्यमंत्री सात निस्चय योजना के तहत पंचायतों में बनी नल-जल योजना के देखभाल का कार्य पीएचडी विभाग को मिलने के बाद से मरमती के अभाव में करीब 20 फीसदी जलमीनारों से पानी टपकना बंद हो गया है। जिससे पंचायतों में लोगों को शुद्ध पानी की किल्लत शुरू हो गयी है। मिली आंकड़ों के अनुसार पंचायतों के पास मरमती कार्य का अधिकार होने के दौरान प्रखंड के पंचायतों में लगी 238 नल-जल योजना में 95 फीसदी से अधिक जलमीनारों से पानी टपकता था। लेकिन, पीएचडी विभाग के जिम्में जाने के बाद करीब 20 फीसदी नल-जल योजना से पानी टपकना बंद हो गया है। जबकि कुछ जलमिनारों से स्थानीय लोगों के निजी कोष से मरमती के कारण लोगों को शुद्ध पानी नसीब हो रहा है। जबकि संबंधित अधिकारियों का कहना था, कि प्रखंड के पंचायतों में नल-जल योजना से बनी अधिकांश...