चतरा, अप्रैल 4 -- मयूरहंड प्रतिनिधि मयूरहंड के लोगो का स्वास्थ्य व्यवस्था निजी ग्रामीण डॉक्टरों के हाथो में है। मयूरहंड को प्रखंड का दर्जा वर्ष 2008 में मिली है। इसके बाद प्राथमिक उपस्वस्थ केंद्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बदल दिया गया, लेकिन इलाज के लिए अबतक लोगों को सुविधा नहीं मिल रही है। वर्तमान समय में यहां दो डॉक्टर पदस्थापित हैं। जिसमे अधिकांश समय एक डॉक्टर को दूसरे जगह प्रतिनियुक्त कर दिया जाता है। चार एनएम है। प्रसव का काम होता है, लेकिन महिला डॉक्टर नहीं रहने के कारण महिलाओं का इलाज नहीं हो पाता है। चौबीस घंटे मरीजों को सेवा नहीं मिल पाता है। आए दिन मारपीट और सड़क दुर्घटना में लोग घायल होते रहते हंै। मयूरहंड में सुविधा नहीं रहने के कारण मरीजों को इलाज के लिए इटखोरी या हजारीबाग जाना पड़ता है। जिस कारण कई मरीजों रास्ते में ही ...