उत्तरकाशी, जून 12 -- रवांई घाटी के कमल गंगा के उदगम कमलेश्वर महादेव के सानिध्य में स्यालुका गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छटवें दिन व्यास पीठ पर विराजमान सीताशरण ने कहा कि मानव मन में छल कपट से भगवत प्राप्ति नहीं हो सकती। बल्कि बांसुरी की तरह जिसका मन मंदिर निष्कपट एवं निश्छल हो व निर्विकार हो भगवान के ओंठों पर बिराजमान होने का सौभाग्य प्राप्त होता है। पुरोला में आयोजित भागवत कथा का वचान करते सीताशरण ने गुरुवार को भगवान कृष्ण के बाल्य काल की घटनाओं में माखन चोरी की घटना का वृतांत सुनाया। कहा कि नंद नगरी में हल्ला मचा कि यशोदा व नन्द का लाला चोर है। जिस पर सभी ग्वालों ,सखियों ने कहा कि हमारे कृष्ण ने सोना,चांदी हीरा चोर नहीं अपितु माखन चोर है। जिस पर वह भक्तों का चित्त चोर लेते हैं। उन्होंने गाय माता के महत्व को लेकर कहा कि गाय मात्र...
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