रिंकू झा, जुलाई 12 -- बिहार के 45 फीसदी किशोर और युवाओं में ही नेतृत्व और निर्णय लेने की क्षमता नहीं है। चाहे परिवार का मामला हो या फिर खुद के कॅरियर का, निर्णय नहीं ले पाते हैं। इनमें पारिवारिक नेतृत्व संभालने की भी क्षमता नहीं है। किसी तरह के निर्णय लेने में अभिभावकों के ऊपर निर्भर रहते हैं। किशोर और युवाओं के नेतृत्व क्षमता और निर्णय लेने पर हाल में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एनसीईआरटी के साथ मिलकर सर्वे किया था। फरवरी से मार्च यानी 50 दिनों तक चले सर्वे में ये बातें सामने आई हैं। आयोग ने सर्वे में राज्य के 14 से 25 वर्ष तक के दस लाख पांच हजार 436 किशोर और युवाओं को शामिल किया था। इसमें दसवीं और 12वीं के छात्रों के साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं से भी राय ली गई। चार लाख नौ हजार 675 ने माना है कि नेतृत्व करने मे...