संभल, जून 18 -- तहसील क्षेत्र के मोहम्मदपुर टांडा गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन पंडित कवित आचार्य ने कहा, कि एक दिन पांडव युद्ध में विजय श्री प्राप्त करके दुखी हो रहे थे। वह अपने आप को युद्ध का कारण मानते थे, इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने भीष्म पितामह के द्वारा उनको उपदेश कराया। पितामह कहते हैं कि सत्य धर्म सब धर्मों से उत्तम धर्म है। सत्य ब्रह्म है, सत्य तप है, सत्य से मनुष्य स्वर्ग को जाता है। झूठ अन्धकार की तरह है। अन्धकार में रहने से मनुष्य नीचे गिरता है। स्वर्ग को प्रकाश और नरक को अन्धकार कहा है। हमेशा ऐसे वचन बोलो जो, दूसरों को प्यारे लगें। दूसरों को बुरा भला कहना, दूसरों की निन्दा करना, बुरे वचन बोलना, यह सब त्यागने के योग्य हैं। दूसरों का अपमान करना, अहंकार और दम्भ, यह अवगुण है। बुरी आदतों को जितनी जल्दी हो सके त्याग दे...
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