शामली, जुलाई 10 -- श्री दिगंबर जैन साधु सेवा समिति एवं सकल जैन समाज शामली द्वारा आयोजित प्रवचनों में बोलते हुए 108 विव्रत सागर मुनिराज ने कहा कि पूरी स्थिर कोई वस्तु है वह मन ही है। हम अपने शरीर के सभी अंगों को मूमेन्ट कर सकते हैं। परंतु मनघ् को मूमेन्ट करके दिखा नहीं कर सकते। हमारे हृदय के बीच में मन होता है। हमारे जहां-जहां पर भाव होंगे। वही कार्य सफल होता है। वह चाहे व्यापार, गृहस्ती, पढ़ाई, मनोरंजन, या धार्मिक शास्त्र हो। अगर हमारा लक्ष्य सही होगा तो हम आगे बढ़ सकते हैं सफल हो सकते हैं। उन्होने कहा ेकि भगवान की भक्ति में अपना मन लगाओ। मौके पर मोहित जैन, भूषण लाल जैन, अमित जैन, संजीव जैन, आशीष जैन, वीरेश जैन, अरविंद जैन, सलेक चंद्र जैन, रमेश चंद्र जैन, अरुण जैन आदि मौजूद रहे।
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