आगरा, सितम्बर 28 -- शारदा विश्वविद्यालय आगरा में निमाई पाठशाला की संस्थापक रेणुका पुंडरीक गोस्वामी ने मनुस्मृति के अनुसार धार्मिक होने की विशेषताएं विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि धर्म केवल कर्मकांड नहीं, बल्कि विचार, भाव और आचरण का समन्वय है। उन्होंने मनुस्मृति के 10 धर्मलक्षण को समझाते हुए कहा कि धैर्य, क्षमा, संयम, अस्तेय, शुद्धता, इन्द्रियनिग्रह, विवेक, विद्या, सत्य और अक्रोध आज भी व्यक्तिगत और सामाजिक उत्थान के लिए प्रासंगिक हैं। उन्होंने उदाहरणों से समझाया कि धैर्य कठिनाइयों में स्थिरता, क्षमा नकारात्मकता को त्यागने, संयम इच्छाओं पर नियंत्रण, सत्य व अक्रोध जीवन को शांतिमय बनाते हैं। उन्होंने कहा कि इन लक्षणों को अपनाकर हम सच्चे धर्मानुयायी और समाज के लिए आदर्श बन सकते हैं। कुलपति प्रो. जयंती रंजन ने कहा कि आधुनिक शिक्षा और प...