अयोध्या, नवम्बर 8 -- बीकापुर। तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत चरांवा में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा आचार्य धरणीधर ने कहा मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं, लेकिन समय रहते सुधार और प्रायश्चित आवश्यक है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन का सार है। यह प्रेम, करुणा और सत्य के मार्ग का बोध कराती है। उन्होंने राजा परीक्षित और ऋषि के श्राप के प्रसंगों के माध्यम से यह समझाया। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन विषय वस्तु को भोगने के लिए नहीं मिला है। आज का मानव भगवान की भक्ति को छोड़कर सांसारिक विषयों में लगा हुआ है। इस मौके पर मुख्य यजमान शोभनाथ मिश्र, बिनोद मिश्र, संतोष मिश्र, संजय मिश्र, योगेश चन्द्र तिवारी, शिव प्रसाद सिंह व अन्य मौजूद रहे।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित...