घाटशिला, दिसम्बर 29 -- धालभूमगढ़, संवाददाता। नरसिंहगढ़ अग्रसेन भवन में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ कथा के चौथे दिन कथा वाचक गुरुदेव विजय जी ने प्रहलाद चरित्र का विस्तार से वर्णन करते हुए बताया मनुष्य को शांत, सौम्य और ईश्वर प्रेम में विश्वास प्रकट करना चाहिए। जिस प्रकार पहलाद ने अपने क्रूर पिता के लिए भी ईश्वर से क्षमा याचना की थी। विजय जी ने कहा कि जो व्यक्ति ईश्वर में विश्वास रखता है भगवान उसकी रक्षा सदैव करते हैं। जैसे विष्णु जी ने नरसिंह का अवतार लेकर प्रहलाद की रक्षा की थी। मनुष्य को भागवत प्रेम में अवश्य लीन होना चाहिए। भगवान के ध्यान के लिए अपनी सोच बदले ना कि किसी भी प्रकार का संदेश, विश्वास रखें भगवान सुखद फल अवश्य देंगे । मनुष्य अपने कर्म से ही आज मनुष्य को दुखी हैं और मनुष्य काल पर दोष देता है । जिस प्रकार मनुष्य...