गिरडीह, दिसम्बर 29 -- गिरिडीह, प्रतिनिधि। शहर के श्याम मंदिर परिसर में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन सोमवार को जयपुर के कथावाचक राधेश गौतम ने कहा कि मनुष्य के चरित्र की रक्षा धर्म करता है। मनुष्य के जीवन से पैसा चला गया तो कोई बात नहीं। शरीर को नुकसान हुआ तो थोड़ी चिंता का विषय है, पर यदि जीवन से धर्म, चरित्र और सदाचार चला गया तो मनुष्य के जीवन में समझ लिए कुछ नहीं बचा। कथावाचक राधेश गौतम ने कहा कि आजकल के बच्चे परिवार को छोड़कर धर्म बदल लेते हैं। दुर्भाग्य ऐसे परिवार का है कि जिन्होंने अपने बच्चों को धर्म के बारे में कुछ नहीं बताया। कहा कि धर्म ही हमारे चरित्र को बचाकर रख सकता है। धर्म चर्चा करने का विषय नहीं है। धर्म धारण करने का विषय है। जिसको धारण किया जाए, वही धर्म है। उन्होंने कर्म और कर्तव्य में अंतर बताया। कहा कि कर्म ...