फर्रुखाबाद कन्नौज, फरवरी 7 -- फर्रुखाबाद, संवाददाता। आर्य प्रतिनिधि सभा के तत्वावधान में मेला श्रीरामनगरिया में चल रहे वैदिक क्षेत्र में चरित्र निर्माण शिविर में प्रातःकाल यज्ञ किया गया। आचार्य चन्द्रदेव शास्त्री ने बताया कि ईश्वर ने इस धरती पर अनेकों आभूषण एवं रत्न उत्पन्न किए हैं, जिन्हें धारण करने से मनुष्य शोभायमान होता है। शास्त्रकारों ने कहा है कि उन सभी रत्नों में विद्या रूपी रत्न सर्वश्रेष्ठ हैं। जहाँ सोना चाँदी आदि आभूषण शरीर की शोभा को बढ़ाते हैं वहीं विद्या रूपी आभूषण आत्मा की शोभा को बढ़ाता है। "विद्या धनं सर्वधनं प्रधानम्" संसार के सभी धनों में विद्या धन को प्रधान माना गया है। क्यों कि अन्य सभी धन यहीं रह जाते हैं लेकिन विद्या धन आत्मा के साथ हमेशा रहता है। शास्त्रकार कहते हैं कि राजा केवल अपने देश में पूजित होता है लेकिन जिसके...