संभल, फरवरी 24 -- मनुष्य को कर्मों के अनुसार फल भोगना पड़ता है। व्यक्ति जैसा करता है, वैसा ही फल प्राप्त होता है। यह सदविचार कथाव्यास रजनीश शास्त्री ने श्रीमद भागवत कथा के दौरान व्यक्त किए। गांव आटा में हो रही श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यासय ने कहा कि कहा कि भगवान शिव, पार्वती को अमर कथा सुना रहे थे। कथा सुनते-सुनते पार्वती को नींद आ गई। उनकी जगह पर वहां बैठे एक शुक ने हुंकारी भरना शुरू कर दिया। भगवान शिव को यह बात पता चली, तो उन्होंने शुक को मारने के लिए दौड़े। शुक जान बचाने के लिए तीनों लोकों में भागता रहा। भागते-भागते वह व्यास जी के आश्रम में आया और सूक्ष्मरूप बनकर उनकी पत्नी के मुख में घुस गया। वह उनके गर्भ में रह गया और बारह वर्ष तक गर्भ के बाहर ही नहीं निकले। जब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें आश्वासन दिया कि बाहर निकलने पर तुम्ह...