बलिया, नवम्बर 19 -- बलिया, संवाददाता। शासन की ओर से मनरेगा योजना में पारदर्शिता और फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने के लिए श्रमिकों का ई-केवाईसी कराना अनिवार्य किया गया है। इस नई व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य फर्जी जॉबकार्ड को खत्म करना और वास्तविक श्रमिकों की पहचान कर उन्हें श्रमिक योजनाओं का लाभ दिलाना है। नई प्रक्रिया से ई-केवाईसी कराने पर ही श्रमिकों को काम मिलेगा तथा मस्टरोल भरा जा सकेगा। मनरेगा सेल के आंकड़ों में जनपद में लगभग ढाई लाख मनरेगा जॉबकार्ड धारक पंजीकृत हैं। लेकिन एक लाख 83 हजार 28 सक्रिय जॉब कार्डधारक हैं। इन श्रमिकों के ई-केवाईसी कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेकिन धीमी गति को देखते हुए डीसी ने ब्लॉक, पंचायत समेत अन्य जिम्मेदारों को शिविर लगाकर ई-केवाईसी करने का फरमान जारी किया है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने श्रमिक हित ...