सुपौल, मई 19 -- त्रिवेणीगंज। ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढ़ांचे के विकास में मनरेगा मजदूरों की काफी अहम भूमिका होती है, लेकिन कम मजदूरी और वह भी समय से नहीं मिलने के कारण मनरेगा मजदूर पलायन को विवश हैं। महज एक सौ दिनों की रोगजार की गारंटी में पूरे वर्ष मनरेगा मजदूरों के लिए खूद तथा अपने परिवार का भरण-पोषण करना संभव नहीं हो पाता है। मनरेगा मजदूरों का कहना है कि मजदूरी बढ़े तथा समय से मजदूरी का भुगतान हो, तभी मनरेगा मजदूरों की आर्थिक स्थिति सुधर सकती है।

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