रामपुर, मार्च 10 -- मनरेगा के तहत 14 दिवस में मजदूरी भुगतान की भले ही गारंटी हो, लेकिन श्रमिकों को भुगतान तीन माह बाद भी नहीं मिल पा रहा है। सहालग के साथ ही होली का त्योहार नजदीक आ चुका है और भुगतान न होने के कारण 15 हजार श्रमिकों की परेशानियां बढ़ गई हैं। जिले में मजदूरी व सामग्री मद में करीब 40 करोड़ रुपये की उधारी है। भुगतान न होने से जिले की ग्राम पंचायतों में मनरेगा से चल रहा काम ठप हो सकता है। मनरेगा में काम कर रहे जाब कार्डधारकों को मनरेगा के तहत कार्य करने के बाद समय से मजदूरी नहीं मिल पा रही है। तीन माह से मजदूरी भुगतान के लिए भटकना पड़ रहा है। सहालग व रमजान के पर्व की वजह से खर्चे बढ़ गए हैं। होली का त्योहार भी आ रहा है। इसके चलते आर्थिक तंगी बढ़ गई है। मनरेगा के प्रत्येक मजदूरी की दर 237 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से तय है। प्रत्य...